आत्मा

Dnyaneshwar ज्ञानेश्वर

आत्मा अनादि, अविनाशी, विकारहीन, शाश्वत और सर्वव्यापी है।

Dnyaneshwar ज्ञानेश्वर

आत्मा अनादि, अविनाशी, विकारहीन, शाश्वत और सर्वव्यापी है।

Acharya Vedant Tirth आचार्य वेदान्त तीर्थ

जो आत्मा से ही परिचित नहीं उसमें आत्मविश्वास कैसे हो सकता है?

Bhavandeen भगवानदीन

आजादी आत्मा की विशेष स्थिति का नाम है न कि मुल्क में किसी खास हुकूमत का।